
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने मंगलवार को देश के विभिन्न हिस्सों में अंबेडकर जयंती के मौके पर हुई हिंसक घटनाओं और अंबेडकर प्रतिमाओं के अपमान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इन घटनाओं को “अत्यंत शर्मनाक“ बताते हुए केंद्र और राज्य सरकारों पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाया है।
मुरैना की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया
मायावती ने मध्य प्रदेश के मुरैना में अंबेडकर जयंती पर निकाले जा रहे जुलूस पर हमले की घटना को बेहद निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि इस हमले में एक दलित युवक की हत्या और कई अन्य लोगों के घायल होने के बावजूद, अब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार की भूमिका संदिग्ध है।
सोशल मीडिया पर उठाई आवाज
बसपा सुप्रीमो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर सिलसिलेवार पोस्ट के ज़रिए अपना रोष जताया। उन्होंने लिखा: “भारत रत्न, संविधान निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर इस बार देश के कई राज्यों में उनकी प्रतिमा का अपमान और उनके सम्मान में निकाले गए कार्यक्रमों पर सामंती तत्वों द्वारा हमला बेहद शर्मनाक और दुखद है। यह सरकारों के दोहरे चरित्र का प्रमाण है।”
सरकारों को दी चेतावनी
मायावती ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों से अपील की कि वे दलित संतों, गुरुओं और महापुरुषों के अपमान की घटनाओं को गंभीरता से लें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने चेतावनी दी: “यदि सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और दोषियों को नहीं पकड़ा, तो दलित समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।”
‘दलित वोट के लिए दिखावा’ करार
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर जो कार्यक्रम आयोजित करती हैं, वे महज दलित वोटों को लुभाने के लिए दिखावा हैं। उन्होंने कहा: “ऐसी जातिवादी घटनाओं से यह स्पष्ट हो जाता है कि इन सरकारों की नीयत साफ नहीं है। दलित समाज को ऐसी दोहरे चरित्र वाली राजनीतिक पार्टियों से सतर्क रहना चाहिए।”