लखनऊ। समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राजनीति में विचारधारा सबसे महत्वपूर्ण है और सपा अपनी विचारधारा से भटक गई है। श्री मौर्य ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह पद के लालच में राजनीति में नहीं आये हैं। उनके लिये विचार धारा महत्वपूर्ण है। समाजवादी पार्टी अपनी विचारधारा से भटक गयी है और यही कारण है कि उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके वैचारिक मतभेद है मगर मनभेद नहीं है। वह अखिलेश यादव की भूमिका पर टिप्पणी नहीं करना चाहते है। 22 फरवरी को वह नई पार्टी का ऐलान करेंगे और उसी दिन आधिकारिक घोषणा की जाएगी। उन्होने कहा “ मैने अखिलेश यादव को बताया था कि सपा में कुछ ऐसे लोग हैं जो पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
मैं जब भी सपा को बढ़ाने का प्रयास करता हूं,मुझे रोक दिया जाता है। इसके बावजूद अखिलेश ने मुझसे कोई बातचीत नहीं की, इसीलिए मैंने सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।” मौर्य ने कहा “ एमएलसी सदस्यता से भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है। मैंने सदैव राजनीति में देश के दलितों आदिवासियों गरीबों किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। मैने हमेशा लड़ाई लड़ी, विचारधारा और मिशन में जब कोई मेरे आड़े आया, उससे टकराने में गुरेज नहीं किया, राजनीति में विचारधारा महत्वपूर्ण है, विचारधारा के लिए कुर्सी छोड़ी है।
मेरे लिए पद नहीं विचारधारा जरूरी है। पद के लिए मैने कभी राजनीति नहीं की है। मैं विचारधारा के लिए लड़ाई लड़ता हूं।” उन्होने कहा कि श्री अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा दिया, उसकी हवा उन्होंने खुद निकाल दी। अब वह ना इधर हैं और ना ही उधर के। सपा कार्यालय में शालिग्राम की पूजा करवा दी। यह देख कर भाजपा को भी सपा से शर्म महसूस हुयी होगी। अखिलेश का धर्मनिरपेक्ष चेहरा जनता देख रही है। पल्लवी पटेल बुलंद आवाज उठाती रही हैं। वो भी एक विचारधारा के तहत राजनीति में आई हैं। अखिलेश यादव के साथ कोई नहीं चल सकता है।