आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के इटौरा चंदेश्वर में स्थित सर्व देव आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन सोमवार को हुआ। इस अवसर पर गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर ए. के. सिंह ने कार्यक्रम में शिरकत करते हुए आयुर्वेद को एक जीवन पद्धति के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद का पालन हर व्यक्ति को अपने जीवन में करना चाहिए, ताकि शरीर और मन को स्वस्थ रखा जा सके। इसके साथ ही, आयुर्वेद शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि तभी छात्र और शिक्षक का बेहतर समन्वय समाज को स्वस्थ बना सकता है।
उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा और भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री, डॉ. अशोक बाजपेई भी उपस्थित थे। प्रोफेसर ए. के. सिंह ने इस मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कभी आयुर्वेद का प्रमुख केंद्र हुआ करता था, लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देने के कारण वह पिछड़ गया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयुर्वेद को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष महत्व दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद केवल एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि यह जीवनशैली, दिनचर्या, रात्रिचर्या और ऋतुओं के अनुसार खानपान पर आधारित है। साथ ही, उन्होंने सभी आयुर्वेदिक कॉलेजों से यह अपील की कि वे अपने गोद लिए गए गांवों में आयुर्वेद के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाएं और आयुर्वेद के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए प्रयास करें। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा ने भी आयुर्वेद की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला और इसे समाज के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि आयुर्वेद की शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी संसाधन जुटाने होंगे।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेदिक शिक्षा को केवल ज्ञान नहीं, बल्कि संस्कार और मानवता के मूल्यों से भी जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि एक चिकित्सक बनने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य मानवता की सेवा करना होता है। भा.ज.पा. के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. अशोक बाजपेई ने कहा कि सर्व देव आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज का विकास आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर पूरी दुनिया का ध्यान है, और अब भारत की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन्होंने कॉलेज से यह उम्मीद जताई कि यहाँ से ऐसे चिकित्सक निकलेंगे, जो आयुर्वेद के क्षेत्र में देश और दुनिया में अपना नाम रोशन करेंगे।
इससे पहले, मुख्य अतिथि प्रोफेसर ए. के. सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा और डॉ. अशोक बाजपेई ने मिलकर फीता काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके बाद दीप प्रज्वलित कर समारोह की शुरुआत की गई। मंच पर सभी अतिथियों का स्वागत माला पहनाकर और अंगवस्त्र भेंट करके किया गया। आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, निलेश मासुरकर ने कॉलेज के उद्देश्यों और कार्यक्षेत्र पर प्रकाश डाला और इसके प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने उपस्थित लोगों को विश्वास दिलाया कि यहां आयुर्वेद की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी, जिससे अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक तैयार हो सकेंगे। कार्यक्रम के समापन पर ऑल इंडिया चिल्ड्रन केयर एजुकेशनल एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष, डॉ. कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध रंगकर्मी और संचालक सुनील विश्वकर्मा ने किया।