नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष पूरे होने पर इसे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल करार दिया। उन्होंने कहा कि इस योजना ने लाखों नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराकर स्वास्थ्य व्यवस्था की परिभाषा को ही बदल दिया है।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सरकारी पोर्टल ‘माईगोवइंडिया’ पर नागरिकों की प्रतिक्रियाओं के जवाब में कहा, “आज आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह ऐसी पहल रही जिसने भविष्य की ज़रूरतों का आकलन कर देशवासियों के लिए उच्च गुणवत्ता और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कीं। इस योजना ने लाभार्थियों को न केवल वित्तीय सुरक्षा दी है बल्कि उनके सम्मान को भी सुरक्षित किया है। भारत ने साबित किया है कि संवेदनशील दृष्टिकोण, तकनीक और विस्तार का संगम मानव सशक्तिकरण को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकता है।”
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब और ग्रामीण आबादी को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है। पिछले वर्ष योजना के विस्तार को मंजूरी दी गई थी, जिसके तहत 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आय की परवाह किए बिना स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जा रहा है। इस प्रावधान से करीब साढ़े चार करोड़ परिवारों के छह करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इस जन-आरोग्य योजना को और अधिक सरल और सुलभ बनाया जाए, ताकि समाज के कमजोर वर्गों तक इसका लाभ अधिकतम स्तर पर पहुँच सके।
