उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में ‘‘सहकारी संगठनों में नवाचार, तकनीकी एवं कुशल प्रशासन’’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी


लखनऊ। 71वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक में ‘‘सहकारी संगठनों में नवाचार, तकनीकी एवं कुशल प्रशासन’’ विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता श्री बी0एन0सिंह, आयुक्त एवं निबंधक, सहकारिता, उ0प्र0 द्वारा की गई। विचार गोष्ठी में बैंक की गत 05 वर्षों में की गई उपलब्धियों के बारे में बैंक के प्रबंध निदेशक श्री शशि रंजन कुमार राव ने विस्तृत रूप से अवगत कराया कि बैंक की वित्तीय स्थिति में गत 05 वर्षों से निरंतर वृद्धि हो रही है। भारत सरकार द्वारा सूचना प्रोद्योगिकी के माध्यम से सहकारिता के सुदृढ़ीकरण एवं पारदर्शिता लाने के लिए कंप्यूटरीकरण एवं डिजीटीलाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है जिसमें बैंक की 323 शाखाओं, 18 क्षेत्रीय कार्यालयों एवं मुख्यालय का कंप्यूटरीकरण का कार्य कराया जाना है।

उन्होंने अवगत कराया कि प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों को विभिन्न प्रकार की कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र की योजनाओं में ऋण वितरण कर लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के पिछड़े वर्ग तथा अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों के लिए अनेकों रोजगारपरक योजनाएं संचालित कर ऋण वितरण किया जा रहा है। विचार गोष्ठी में डॉ0 राम कोमल, प्रधानाचार्य, आईसी सी एम0आर0टी लखनऊ, ने विस्तृत रूप से गोष्ठी के विषय पर आधारित पीपीटी के माध्यम से प्रेजेन्टेशन दिया। सहकारिता के क्षेत्र में कृषकों एवं सदस्यों के साथ पारदर्शिता एवं विश्वास बनायें रखने के लिए ब्राण्डिंग की आवश्यकता पर अति महत्व दिया गया। श्रीमती अनीता मेयकर, नाबार्ड प्रतिनिधि ने सहकारिता के क्षेत्र में नाबार्ड द्वारा लागू की जा रही नई तकनीकी एवं भविष्य के लिए कार्यकुशलता, सहकारिता में डेटाबेस, कृषकों पर आसानी से पहुंच आदि पर तकनीकी रूप से किये जा रहे कार्यों के बारे मे भी अवगत कराया गया।

श्री अनिल कुमार सिंह, उपसचिव, सहकारिता, उ0प्र0शासन ने सहकारिता के क्षेत्र में कृषकों के हितों में किये जा रहे प्रयासों एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के बार में अवगत कराया। बैंक के मृतक बकाएदारों के वारिसानों/हितधारकों को ऋणों की अदायगी हेतु सुविधा प्रदान करने के लिए मा0 सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जे0पी0एस0 राठौर जी के कुशल मार्गदर्शन में ‘‘मृतक ऋण मोचन योजना 2024’’ लागू की गई, जिसमें 1065 ऋणी सदस्यों के वारिसानों/हितधारकों ने 10.51 करोड़ रूपये की अदायगी की गई । मुख्य अतिथि श्री बी0एन0सिंह, आयुक्त एवं निबंधक द्वारा अपेक्षा की गई कि सहकारिता क्षेत्र में चलायी जा रही योजनाओं का लाभ सबसे निचले पायदान पर रहने वाले कृषकों को पहुंचाया जाये तथा कार्यों में पारदर्शिता, समयबद्धता एवं कृषकों से निरंतर संपर्क स्थापित करते हुए भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही लाभकारी योजनाओं के बार में अवगत कराया जाए।

किसानों को उर्वरक की आपूर्ति, एवं धान खरीद के लिए एक पोर्टल विकसित करने का सुझाव दिया गया जिससे प्रत्येक सहकारी संस्था अपने-अपने कार्यों की विशेषताओं एवं योजनाओं को जनमानस तक पहुंचाने के लिए ए0आई0 के माध्यम से प्रसारित किया जाए। विचार गोष्ठी में शीर्ष सहकारी संस्थाओं के प्रबंध निदेशक एवं उच्च अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया तथा विचार गोष्ठी का संचालन श्री के0बी0लाल द्वारा किया गया।


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