लखनऊ । यूपी की सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा में राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि जो एक महिला राज्यपाल का जो सम्मान नहीं कर सकते, वे आधी आबादी को क्या इज्जत देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सपा को महिला विरोधी बताते हुए कहा कि जो लोग मातृ शक्ति की प्रतीक राज्यपाल महोदया का सम्मान नहीं कर सकते, उनसे प्रदेश की आधी आबादी के सम्मान की उम्मीद रखना बेमानी होगा।
सीएम ने कहा कि 20 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जिस प्रकार का आचरण किया वो सदन की गरिमा को तार-तार करने वाला था। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई थी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समाजवादी पार्टी के सदस्यों की नारेबाजी और शोरगुल के बीच अभिभाषण पढ़ा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्एक राज्य में संवैधानिक प्रमुख सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करता है। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति के प्रति विपक्ष को सम्मान दिखाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मगर विपक्ष ने अपने अशिष्ट आचरण से सदन की गरिमा को तार-तार किया।
उन्होंने कहा कि जब एक महिला राज्यपाल सदन को संबोधित कर रही हों, उस वक्त नारे लगाकर हम देश को क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जो एक राज्यपाल का सम्मान नहीं कर सकते हैं, उनसे कैसे उम्मीद की जाए कि वो आधी आबादी का सम्मान करेंगे।योगी ने मातृ शक्ति के सशक्तिकरण को लेकर भी विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सदन में मातृ शक्ति की बात हो रही थी। उन्होंने कहा कि नेता विरोधी दल कह रहे थे कि कहां पर महिला हेल्प डेस्क बना है। योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी 1537 थानों में और जीआरपी के थानों को मिलाएंगे तो 1584 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना हो चुकी है। उन्होंने महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं को लागू करने में प्रदेश नंबर वन है।
सपा की सदस्य डॉक्टर रागिनी सोनकर समेत कई विपक्षी सदस्यों ने चर्चा के दौरान सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को नंबर वन बताने वाले दावे को खारिज किया था। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को सरकार की राजनीतिक साख पर सवाल खड़ा किया था। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर 2014, 2017, 2019 और 2022 में उत्तर प्रदेश की जनता ने हमें जनादेश दिया, यह हमारी राजनीतिक साख (पॉलिटिकल क्रेडिबिलिटी) का सबसे बड़ा उदाहरण है। देश-दुनिया से 33 लाख 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव हमारी राजनीतिक साख पर मुहर है।