पर्यावरण संरक्षण व जलवायु न्याय को मुख्यधारा में लाने के लिए वैश्विक नेतृत्व की आवश्यकता: धनखड़


नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सभी स्तरों पर पर्यावरण संरक्षण और जलवायु न्याय को मुख्यधारा में लाने के लिए वैश्विक नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि इससे इन सिद्धांतों को समाज की मूल संरचना में शामिल किया जा सकेगा। श्री धनखड़ ने यहां टेरी में ‘विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2024’ को संबोधित करते हुए कहा कि एक परस्पर जुड़ी दुनिया में यह पहचाना जाना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों की कोई सीमा नहीं है।

उन्होंने व्यक्ति और प्रकृति-केंद्रित दृष्टिकोण तैयार करने और अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि हमारे कार्यों का प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ता है और सबसे कमजोर समुदायों और पारिस्थितिकी तंत्रों को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया भर के देशों के लिए प्रेरणा के प्रतीक के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता न केवल जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करती है बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी नवाचार के रास्ते भी खोलती है।

उन्होंने कहा,“भारत की प्रतिबद्धता न केवल शब्दों में बल्कि कार्रवाई में भी स्पष्ट है, उन नीतियों के कार्यान्वयन के साथ जो उन सिद्धांतों के प्रति समर्पण को दर्शाती हैं जिनकी हम वकालत करते हैं।” उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी आर्थिक प्रगति को सतत विकास की प्रतिबद्धता के साथ सामंजस्यपूर्ण होना चाहिए। एकजुट होकर, नवाचार को अपनाकर और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर, सभी के लिए एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है।


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