
नई दिल्ली । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती के अवसर पर आयोजित संगीतमय नाटक ‘रामायण’ का अवलोकन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि वाजपेयी जी ने सामाजिक और राजनीतिक जीवन में उच्च मानक स्थापित किए और उनकी विचारधारा हमारे सामूहिक चेतना पर गहरी छाप छोड़ती है।
वाजपेयी जी: आदर्श और प्रेरणा के प्रतीक
श्री बिरला ने इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वाजपेयी जी सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों के लिए आदर्श थे। उनके अनोखे व्यक्तित्व और कार्यों ने देशभर के लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने चार दशकों तक विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी सेवाएं दीं—लोकसभा और राज्यसभा सांसद, विपक्ष के नेता, मंत्री, और प्रधानमंत्री के रूप में—और प्रत्येक भूमिका में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया।
संसदीय लोकतंत्र में वाजपेयी का योगदान
श्री बिरला ने वाजपेयी जी के संसदीय जीवन को याद करते हुए कहा कि उनका अनुभव और संसदीय लोकतंत्र को समृद्ध बनाने में योगदान हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। संसद के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाने के उनके प्रयास उल्लेखनीय हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वाजपेयी जी के जीवन और आदर्शों से प्रेरणा लें और देश सेवा के लिए समर्पित रहें।
रामायण: एक पवित्र परंपरा
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि उनका जीवन पवित्र आचरण और कर्तव्य के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। उन्होंने रामायण को न केवल एक पवित्र ग्रंथ, बल्कि एक जीवंत परंपरा बताया, जो अनगिनत पीढ़ियों से कहानियों, लोकगीतों, नृत्य, संगीत, रंगमंच, और चित्रकला के माध्यम से चली आ रही है।
संगीत नाटिका की प्रशंसा
श्री बिरला ने भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित इस संगीतमय नृत्य नाटक को अद्भुत बताया। उन्होंने कहा कि संगीत और नाटक के माध्यम से रामायण के प्रसंगों की प्रस्तुति अत्यंत मोहक और प्रभावशाली है। इस प्रकार के आयोजन भारतीय सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत बनाए रखने में सहायक हैं।