सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 सम्पन्न
एनबीआरआई, सीडीआरआई और सीमैप के शोध से किसानों को मिल रही राहत और लाभ
17,000 से अधिक स्टार्टअप्स, 8 यूनिकॉर्न के साथ आगे बढ़ता उत्तर प्रदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित सीएसआईआर स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 के समापन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश ने निवेश और व्यापार के लिए सुरक्षा, सुगमता और मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण किया है। आज उत्तर प्रदेश ‘फियरलेस बिजनेस’ का नया केंद्र बन चुका है और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ ‘ट्रस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस’ में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
प्रयोगशाला से उद्योग तक युवाओं के साथ
मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार सिर्फ नीतियां नहीं बना रही, बल्कि युवाओं, उद्यमियों और वैज्ञानिकों के विचारों को आगे बढ़ा रही है। हर स्टार्टअप के साथ सरकार खड़ी है। हम प्रयोगशाला से उद्योग तक युवाओं का साथ दे रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर शोध उत्पाद बने, हर उत्पाद उद्योग बने और हर उद्योग भारत की ताकत बने। यही विकसित भारत और विकसित यूपी का मंत्र है।”
लखनऊ बनेगा स्टार्टअप हब, बायोटेक पार्क और साइंस म्यूजियम का होगा निर्माण
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वैज्ञानिकों को निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि हैदराबाद और दक्षिण भारत के शहरों की तरह लखनऊ में भी स्टार्टअप्स के लिए अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने लखनऊ के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि मिंट की गोली पूरी दुनिया को यहीं से मिली थी और साहिबाबाद स्थित सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड, जो घाटे में था, मुख्यमंत्री के समर्थन से दो वर्षों में लाभकारी संस्था बन गया।
डॉ. सिंह ने यह भी घोषणा की कि लखनऊ में एक नया बायोटेक्नोलॉजी पार्क और साइंस म्यूजियम स्थापित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने प्रदेश के देश के सबसे पुराने बॉटेनिकल गार्डन और स्वास्तिक लोटस गार्डन, जहाँ दुनिया भर के कमल के फूल लगाए गए हैं, को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की संभावनाओं का उल्लेख किया।
स्टार्टअप्स की मजबूती : 17,000 सक्रिय, 8 यूनिकॉर्न
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले 11 वर्षों में तेजी से विकसित हुआ है। “आज भारत में 1 लाख 90 हजार स्टार्टअप हैं और अमेरिका व ब्रिटेन के बाद हम तीसरे स्थान पर हैं। प्रधानमंत्री की सोच थी कि युवा नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें। इसी लक्ष्य को यूपी ने मजबूती से आगे बढ़ाया है।” प्रदेश में 17,000 से अधिक स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें 8 यूनिकॉर्न शामिल हैं। यहाँ 72 इनक्यूबेटर्स और 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कार्यरत हैं। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 137 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई है।
लैब टू लैंड : किसानों और स्टार्टअप्स को जोड़ने का अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, बायोटेक, ब्यूटी और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स ने उल्लेखनीय काम किया है। “प्रगतिशील किसानों के प्रयासों से अन्य किसानों का जीवन भी बदल रहा है। पहले शोध केवल लैब तक सीमित रहता था, लेकिन अब ‘लैब टू लैंड’ और ‘लैब टू इंडस्ट्री’ की दिशा में ठोस कार्य हो रहा है। यही सहयोगी भावना स्टार्टअप्स को बाजार से जोड़ रही है और उनकी सफलता सुनिश्चित कर रही है।”
चारों केंद्रीय प्रयोगशालाओं की सराहना
मुख्यमंत्री ने शोध संस्थानों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा एनबीआरआई ने जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए 9 लाख एकड़ भूमि पर किसानों को जैविक खाद उपयोग के लिए प्रेरित किया। सीडीआरआई नई दवाओं के शोध में अग्रणी होकर फार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क को प्रोत्साहित कर रहा है। आईआईटीआर ने आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में शोध कर जल समस्या का समाधान प्रस्तुत किया है।
सीमैप ने पिपरमिंट और स्पिरिचुअल टूरिज्म से जुड़े उत्पादों में नई दिशा दी है।
दो दिवसीय इस कॉन्क्लेव ने न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान की। इस अवसर पर कई एमओयू पर हस्ताक्षर हुए और अनेक स्टार्टअप्स ने अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में बड़ी सहभागिता
इस कार्यक्रम में सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक ए.के. शासनी, सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक राध रंगराजन, सीमैप के निदेशक सुबोध कुमार त्रिवेदी, आईआईटीआर के निदेशक भास्कर नारायण सहित देशभर से वैज्ञानिक, उद्योग जगत से जुड़े सीएमडी, सीईओ, वीसी, अकादमिक संस्थानों के प्रमुख, प्रगतिशील किसान और अन्य स्टेकहोल्डर्स शामिल हुए।
