मुंबई। अमेरिका में एच-1बी वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी का असर सोमवार को घरेलू शेयर बाजारों पर साफ दिखा। आईटी और फार्मा कंपनियों पर सबसे ज्यादा दबाव रहा, जिससे बीएसई का सेंसेक्स 466.26 अंक (0.56%) गिरकर 82,159.97 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 600 अंक से अधिक टूटकर 81,997 अंक तक फिसल गया था। आईटी और फार्मा सेक्टर इसलिए प्रभावित हुए क्योंकि इन क्षेत्रों की दिग्गज कंपनियों के हजारों कर्मचारी अमेरिका में कार्यरत हैं। एनएसई पर टेक महिंद्रा का शेयर 3% लुढ़क गया।
वहीं टीसीएस 2.96%, इंफोसिस 2.55%, सिप्ला 2.14% और विप्रो 2.11% गिर गए। एचसीएल टेक में 1.73% और डॉ. रेड्डीज लैब में 1.48% की कमजोरी रही। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 इंडेक्स 124.70 अंक (0.49%) टूटकर 25,202.35 अंक पर बंद हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर दबाव और ज्यादा रहा। निफ्टी मिडकैप-50 में 0.74% और स्मॉलकैप-100 में 1.17% की गिरावट आई। सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी आईटी 2.95% और निफ्टी फार्मा 1.41% फिसले। एफएमसीजी, ऑटो और बैंकिंग शेयर भी टूटे, जबकि धातु और वित्तीय सेवाओं में लिवाली देखी गई।
अडानी इंटरप्राइजेज 3.98% चढ़ा और सबसे आगे रहा। इसके अलावा इटरनल 1.60%, बजाज फाइनेंस 1.37%, अडानी पोर्ट्स 1.20% और अल्ट्राटेक सीमेंट 1.10% मजबूत हुए। वहीं, ट्रेंट और टाटा मोटर्स 1.72%, इंडसइंड बैंक 1.38% और सनफार्मा 1.18% कमजोर रहे। रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज भी 1% से अधिक गिरे। वैश्विक बाजारों की बात करें तो एशियाई शेयरों में मिश्रित रुख रहा। जापान का निक्केई 0.99% और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.22% ऊपर बंद हुए, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग 0.76% गिरा। यूरोपीय बाजारों के शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स 0.77% और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.08% नीचे रहा।
