गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर परिस्थिति में सनातन धर्म के प्रति अटूट समर्पण बनाए रखना ही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का वास्तविक मर्म है। उन्होंने कहा कि यह कथा जीवन को ज्ञान, भक्ति और मोक्ष का मार्ग प्रदान करती है। गोरखनाथ मंदिर में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 56वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ के विराम सत्र में योगी आदित्यनाथ ने अपने विचार साझा किए।
मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में श्रद्धालु कथा श्रवण कर रहे थे। व्यासपीठ के समक्ष नतमस्तक होकर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत पाँच हजार वर्ष पूर्व स्वामी शुकदेव जी द्वारा महाराजा परीक्षित को मृत्यु के भय से निर्भय बनाने के लिए की गई थी। तभी से यह कथा अनगिनत सनातन धर्मावलंबियों के लिए मोक्ष का माध्यम बनती चली आ रही है।
मुख्यमंत्री ने भारत की ऋषि परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में जन्म लेना स्वयं में दुर्लभ है, और मनुष्य रूप में जन्म लेना तो और भी दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि सनातन भारत ने ही ज्ञान, भक्ति और मोक्ष का मार्ग दिखाने वाली श्रीमद्भागवत कथा का उपहार दिया है। योगी ने स्पष्ट कहा कि हर स्थिति में अपने धर्म और राष्ट्र के प्रति अडिग रहना चाहिए। बिना डगमगाए, बिना रुके, बिना झुके सनातन धर्म और भारत के प्रति समर्पण बनाए रखना ही इस कथा का असली संदेश है।
इस अवसर पर व्यासपीठ पर विराजमान अयोध्याधाम से पधारे जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य जी महाराज की योगी आदित्यनाथ ने मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदिनेशाचार्य ने अत्यंत सरलता और सहजता से कथा का प्रवचन किया, जिससे यहाँ उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ-साथ मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों ने आनंद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि स्वामी रामदिनेशाचार्य रामानंदाचार्य परंपरा से हैं और अगले वर्ष उनके श्रीमुख से यहाँ श्रीराम कथा का भी श्रवण कराया जाएगा।
विराम सत्र के दौरान मुख्यमंत्री, संतों तथा यजमानों ने मिलकर श्रीमद्भागवत महापुराण और व्यासपीठ की आरती की। इस अवसर पर मस्तनाथ पीठ, रोहतक (हरियाणा) के महंत बालकनाथ, राजस्थान विधानसभा के विधायक, जूनागढ़ (गुजरात) से आए महंत शेरनाथ, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी से पधारे जगद्गुरु संतोषाचार्य सतुआ बाबा, नैमिषारण्य से स्वामी विद्या चैतन्य, हनुमानगढ़ी अयोध्या से महंत राजूदास, पूर्व विधायक अतुल सिंह, अजय सिंह, महेश पोद्दार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
