कोलकाता । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक में मुख्यमंत्रियों को संकेत दिया कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ ही राज्यों की भी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाह की अध्यक्षता में यहां पश्चिम बंगाल सचिवालय में शनिवार को हुई 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (ईजेडसी) की बैठक में अवैध घुसपैठ, सीमा पार से तस्करी और संवेदनशील भारत-बांग्लादेश सीमा से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। अधिकारी ने बताया कि 25वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में राज्यों के बीच परिवहन सुविधाओं और जल-बंटवारे पर भी बातचीत हुई।
इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के उनके समकक्ष हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और ओडिशा के कैबिनेट मंत्री प्रदीप अमात शामिल हुए।सूत्रों के मुताबिक, इस वर्ष की शुरुआत में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी के मद्देनजर उसकी भूमिका पर चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि जवाब में गृह मंत्री ने संकेत दिया है कि सीमा सुरक्षा में राज्य सरकारों की भी भूमिका है। बैठक में झारखंड-ओडिशा और बंगाल में माओवादी गतिविधियों के फिर से होने पर भी चर्चा हुई।
यह निर्णय लिया गया कि नक्सल गतिविधियों को बेअसर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के समन्वय के लिए राज्य और केंद्र सरकार रेड जोन में माओवादी गतिविधियों पर वास्तविक समय की जानकारी एकत्र करेंगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पड़ोसी राज्यों से बंगाल में हथियारों की तस्करी की जा रही है और इस खतरे को रोकने के लिए समन्वित कदमों की जरूरत है। शाह परिषद के अध्यक्ष हैं।
बैठक में उनके साथ गृह मंत्रालय के पांच अधिकारी थे। बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और दो घंटे से थोड़ा अधिक समय तक चली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के नवीन पटनायक शनिवार की बैठक में शामिल नहीं हुए।अधिकारी ने कहा कि बाद में शाह ने बंगाल की मुख्यमंत्री से सचिवालय की 14वीं मंजिल पर स्थित उनके कक्ष में मुलाकात की। अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री यहां से शिलॉन्ग के लिए रवाना हो गए।