लखनऊ। लखनऊ में मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले सात आठ सालों में उत्तर प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है और अब यहां का विकास पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश-निवेश प्रदेश के तहत मेन हैंगर में आयोजित एफडीआई कॉन्क्लेव ‘यूपी-इमर्जिंग डेस्टिनेशन फॉर फॉरेन इनवेस्टमेंट इन इंडिया’ को संबोधित उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सात-आठ वर्षों में यूपी का कायाकल्प किया है, लेकिन यह एक वर्ष उपलब्धियों भरा रहा है। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण वर्ष होगा। आज पूरा विश्व उत्तर प्रदेश और लखनऊ के बारे में बातचीत कर रहा है।
उत्तर प्रदेश अब रुकने और थमने वाला नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई भी निवेशक जब निवेश करने का निर्णय लेता है तो उसके सामने सबसे बड़ी शर्त होती है विश्वास। निवेशक तभी आता है जब उसे नेतृत्व, व्यवस्था और भविष्य पर विश्वास हो। जब यह तीनों विश्वास निवेशक को मिलते हैं तो वह प्रदेश में आने को तैयार होता है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और 25 करोड़ लोगों को भी आत्मविश्वास मिलता है कि हमारा भी भविष्य उज्ज्वल होगा। श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया के सामने मिसाल के तौर पर आत्मविश्वास से भरे हुए 140 करोड़ लोग निकल पड़े हैं तो मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में यूपी का एक-एक व्यक्ति आत्मविश्वास के साथ कर्तव्य को निभा रहा है। यूपी में सुशासन देखने को मिलता है। गरीब कल्याण, नए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में केंद्र व राज्य सरकार डबल इंजन बनकर तेज गति दे रही है। अब उत्तर प्रदेश रुकने और थमने वाला नहीं है।
आने वाले दिनों में विश्व भर में भारत व यूपी की प्रसिद्धि हो रही है। आज पूरा विश्व भारत की तरफ देखता है कि भारत विश्व की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। वैसे ही देश देखता है कि उत्तर प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में बड़ा योगदान देगा। उन्होने कहा कि जब निवेश की बात होती है तो देश के साथ जुड़े तीन-चार प्रमुख विषयों पर निवेशक का ध्यान आकर्षित होता है। वो देखता है कि देश में किस प्रकार की अर्थव्यवस्था है। क्या देश मजबूत स्थिति में है। क्या देश की अर्थव्यवस्था अच्छे तरीके से संभाली जा रही है। देश के पास पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध होंगी या नहीं। उत्तर प्रदेश की व्यवस्था देखें तो 2017 के पहले यहां की कानून व्यवस्था से भलीभांति सभी अवगत हैं। 2017 के पहले भेदभाव की राजनीति थी, व्यवस्थाएं चरमरा रही थीं। राज्य की अर्थव्यवस्था कमजोर थी, जिसके कारण नया निवेश, नया उद्योग न के बराबर थे। चीनी मिलें बंद पड़ी थीं।
किसानों की हालत बहुत कमजोर हो गई थी। इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि नहीं हो रही थी। रेलवे प्रोजेक्ट ठप पड़े थे। इनलैंड वाटर, मल्टीलेवल ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी, एयरपोर्ट आदि व्यवस्थाएं कमजोर स्थिति में थीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 में मोदी ने देश व 2017 में योगी ने उप्र की कमान संभाली। उसके बाद के रिफॉर्म हुए। केंद्र व राज्य सरकार ने तालमेल बैठाकर यूपी का कायाकल्प किया। कोविड की महामारी जैसी गंभीर परिस्थिति में मोदी-योगी के नेतृत्व में उप्र ने अपने लोगों का ध्यान रखा। उप्र ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को रुकने नहीं दिया। परिस्थितियों व चुनौती को उन्होंने अवसर में बदला। यूपी में आज छह एक्सप्रेसवे कोने-कोने को कनेक्ट करते हैं। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई हुई। नवीकरणीय ऊर्जा से प्रदेश को पर्याप्त बिजली पहुंचाई गई। इन्क्लूजिव व सस्टेनेबल ग्रोथ की तरफ यूपी ने बड़े कदम उठाए हैं। उसी के कारण देश-विदेश के निवेशक यूपी में बड़े रूप में अपना कामकाज बढ़ाने आ रहे हैं।
यूपी के सभी 75 जनपदों में कोई न कोई प्रोजेक्ट लग रहा है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड, मध्यांचल, पश्चिमांचल कोई भी कोना निवेश से वंचित नहीं है। यूपी विश्व के प्रीफर्ड इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। श्री गोयल ने कहा कि आज भारत ‘डेमोक्रेसी’ (लोकतंत्र) ‘डेमोग्राफी’ (जनसांख्यिकी) और ‘डाइवर्सिटी’ (विविधता) प्रदान करता है। उन्होने विश्वास जताया कि भारत अगले 30 वर्षों तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित होता रहेगा। भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 30 ट्रिलियन डॉलर और जुड़ने की उम्मीद है। इस वृद्धि में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहेगा। उत्तर प्रदेश आज सर्वोत्तम बुनियादी ढांचे और स्मार्ट औद्योगिक नीतियों में से एक प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश ने 10 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेश के मामले में मील का पत्थर पार किया है। वास्तव में ये उपलब्धि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जो उत्तर प्रदेश का भी प्रतिनिधित्व करते हैं और हमारे मेहनती व बेहद प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सम्मानित नेतृत्व का एक अभूतपूर्व प्रमाण है।