प्रयागराज। महाकुंभ में पहुंचने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मुख्य मार्गों पर बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ढ़ाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स को नया स्वरूप दे रही है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि प्रयागराज आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का अनुभव हो, इसके लिए योगी सरकार प्रमुख मार्गों में पड़ने वाले प्रमुख ढाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स को स्मार्ट बनाने जा रही है। इसके लिए इनके 75 प्रतिनिधियों का चयन किया गया है, जिन्हे शुक्रवार से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इनमें लखनऊ प्रयागराज, कानपुर प्रयागराज, रीवा प्रयागराज, चित्रकूट प्रयागराज , मिर्जापुर प्रयागराज और वाराणसी प्रयागराज मार्ग में पड़ने वाले ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स शामिल हैं। महाकुंभ के प्रमुख मार्गों पर आने वाले इन चयनित ढाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स में बुनियादी सुविधाओं की कमी थी। ऐसे में इनमें किचन, सिटिंग एरिया और पार्किंग स्थल को नया स्वरूप देने की योजना तैयार की गयी है। इसी के साथ चयनित प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा प्रतिनिधियों को सरकार की तरफ से सहयोग और सब्सिडी दोनों दी जा रही है।
प्रदेश की नई पर्यटन नीति में प्रदेश में एग्रो और इको टूरिज्म के साथ धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई ऊंचाईयों पर ले जाने की अपार संभावनाएं हैं। इसमें 22 नई गतिविधियों को जोड़ा है। इसमें वेलनेस रिसार्ट , हेरिटेज होम स्टे , बजट होटल, हेरिटेज होटल, स्टार होटल, इको टूरिज्म की ईकाइयां, कारवां टूरिज्म, यूनिट, प्रदर्शनी, तीर्थयात्रा, धर्मशालाएं, आल वेदर सीजनल कैंप, जलाशय, झील, वेलनेस टूरिज्म तथा एडवेंचर टूरिज्म शामिल हैं। इसी का विस्तार करने के लिए प्रमुख मार्गों के बड़े ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स को शामिल किया गया है। इन्हें निवेश के लिए दी जाने वाली राशि में 25 फीसदी की सब्सिडी भी दी जा रही है।